भारत का ये मंदिर जिसे इंसानों ने नही बनाया? दुनिया के सात अजूबों में होगा सामिल?

 दुनिया का सबसे अविश्वसनीय मंदिर, जिसे इंसानों के बस की बात नहीं थी।

वैसे तो दुनिया भर में कई ऐसे अजीबो गरीब चीजें मौजूद हैं, जिसे सुनने के बाद हमारे मन में कई प्रश्न उठते हैं, कुछ में विश्वास नहीं होता है, तो कुछ के बारे में सुनने के बाद हम चकमका जाते हैं ,

आज हम ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बात करेंगे जिसके बारे में जान के आपके होश उड़ जाएंगे।

भारत का कैलाश मंदिर।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता एंड एलोरा की 31 गुफाओं में से एक सोलहवीं गुफा जिसमें कैलाश मंदिर स्थित है।

 वैसे तो अजंता एंड एलोरा की सारी गुफाएं रहस्यमई है किंतु इसकी सोलहवीं गुफा जिसमें कैलाश मंदिर स्थित है वह सबसे बड़ा रहस्य है।

क्यों है वो रहस्यमई?

कैलाश मंदिर को पत्थर जोड़ कर नहीं बल्कि एक बड़े पहाड़ को काटकर बनाया गया है ,अब हमारे मन में यह सवाल आ रहा होगा कि दुनिया में कई ऐसे मंदिर या फिर कई ऐसे बिल्डिंग हैं जिन्हें पहाड़ काटकर बनाया गया है, तो कैलाश मंदिर में खास बात क्या है?

 तो आपको बता दें कि  कैलाश टेंपल को ऊपर से नीचे की तरफ काटकर बनाया गया है ,आमतौर पर जितने भी मंदिर बिल्डिंग को पहाड़ काटकर बनाया गया है उन्हें नीचे से ऊपर की ओर काटा गया है ,लेकिन कैलाश मंदिर को ऊपर से नीचे की ओर काटा गया है इसमें सोचने वाली बात है ऊपर से बिना किसी स्ट्रक्चर के ज्ञान के कैसे संभव हुआ होगा?


ऊपर से काटना मतलब अगर थोड़ी सी भी गलती हुई तो पूरा मंदिर का बनावट खराब, एक आश्चर्य की बात यह है कि मंदिर में कोई भी गलती नहीं हुई है, बावजूद इसके मंदिर में करोड़ों  स्ट्रक्चर्स बनाए गए हैं, जिनमे हाथी, घोड़े और हिंदू देवी देवताओं के स्ट्रक्चर भी शामिल है ,अंदर एक शिवलिंग रखा हुआ है इसकी लोग पूजा करते थे उस समय में।

सबसे चैकाने वाली बात।


वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बड़े से पहाड़ को ऊपर से नीचे की तरफ लगभग 100 फीट गहरा बनाया गया है वह भी केवल छीनी_ हथौड़ी की मदद से !इसे बनाने में लगभग 200 से 300 साल लगे थे पर सवाल यह उठता है कि बिना किसी वास्तुशास्त्र के भारतीयों ने यह कारनामा कैसे कर दिखाया?

सबसे रोचक बात यह है कि इस मंदिर में से 400000 टन पत्थर को छीनी हथौड़ी की मदद से काटकर निकाला गया था लेकिन वह 400000 टन पत्थर आज भी नहीं मिले ।

और इस मंदिर में मॉडर्न जमाने का वाटर ड्रेनेज सिस्टम भी है मौजूद है जो बारिश के समय में बारिश के पानी को इकट्ठा करने के काम में आता था ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को बौद्धिक द्वारा बनाया गया था जहां पर गौतम बुद्ध  तपस्या करते थे।

रामायण और महाभारत का वर्णन।



इस मंदिर में एक खास बात और यह है जो इसे अलग बनाती है, इस मंदिर में एक तरफ रामायण के चित्र को पत्थर से काटकर बनाया गया है और दूसरी तरफ महाभारत को दर्शाया गया है, इस पहाड़ में बड़े-बड़े हाथियों की प्रतिमाएं लगाई गई है, इस मंदिर की सुंदरता इतनी बढ़िया है कि आज के समय में ऐसा मंदिर बनाना लगभग नए-नए टेक्नोलॉजी के लिए भी नामुमकिन है।

 मतलब यह बात सोचने पे मजबूर कर देती है कि किसी पहाड़ को ऊपर से नीचे की तरफ काटना जिसमें कई हाथियों के मंदिर के भगवान के चित्र बने होंगे कैसे संभव हुआ होगा? खैर जो भी हो यह चीज भारतीयों को गर्व देती है ,कई लोगों का मानना यह भी है कि इसे इंसानों ने नहीं बल्कि एलियंस ने बनाया होगा खैर सबके अपने-अपने अलग-अलग मत हैं पर या मंदिर सच में लाजमी है। हमारे ख्याल से इसे विश्व के धरोहर के तौर पर घोषित करना चाहिए।

औरंगजेब नहीं तोड़ पाया था इसे

ऐसा कहा जाता है कि  मुगल शासक औरंगजेब ने भी इस मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी वह 3 साल तक अपने 7000 सैनिकों को बार - बार भेजता था किंतु अब बार-बार असफल हो जाता था और अंत में वह हार मान गया।

 ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ